युगपुरुष राजा राम मोहन राय
सितम्बर २७, २०१७ Knowledge Calendar
भारत को बदलने के लिए सहरानीय प्रयास किए और पुरानी हिंदू परंपराओं को चुनौती देने की हिम्मत दिखाई सामाजिक सुधार किए और भारत में महिलाओं की स्थिति उठाने के लिए प्रयास किये। सन १९२८ में उन्होंने ब्रह्मसमाज की स्थापना की। राजा राममोहन मूर्ति पूजा के विरोधी थे। उन्होंने ब्रह्मसमाज की स्थापना द्वारा सभी भगवानो की एकता को प्रचारित किया। मुगल सम्राट ने उन्हें ‘राजा’ नाम दिया था। राजा राम मोहन राय ने इंग्लैंड की यात्रा, सबसे पहले शिक्षित भारतीय के रूप में की थी। वह मुग़ल सम्राट अकबर द्वितीय के राजदूत के रूप में इंग्लैंड गए थे। सती प्रथा, बहुपत्नी, बल विवाह जाती कठोरता आदि के खिलाफ आवाज उठाई। २७ सितम्बर १८३३ को ब्रिस्टल में दिमागी बुखार से पीड़ित राजाराममोहन राय जी का निधन हुआ। आज भी समाज उनके जैसे युगपुरुष की बाट जोह रहा है पर ऐसे युगपुरुष रोज़ थोड़ी धरा पर आते है। आइये उनकी पावन पुण्यतिथि पर हम भी समाज में फैली छोटी से छोटी बुराई को मिटआने की और अपना सिर्फ एक कदम भी उठाये तो यह उनके प्रति सच्ची शृद्धांजलि होगी।
विश्व पर्यटन दिवस
सितम्बर २७, २०१७ Knowledge Calendar
आज के भागदौड़ भरे जीवन में तनाव से ग्रसित युवा, बुजुर्ग, बच्चे प्रकृति से जितना दूर भागने की कोशिश है। यह तनाव, संघर्ष और पैसो के पीछे भागते जिंदगी के लिए सही और गलत आवश्यकताओं को हम मनुष्य पूरी तरह से भूल चुके है। यह तो हम सब जानते है की प्रकृति और मनुष्य में जो सम्बन्ध है वह नहीं मनुष्य के होने से पहले का है। मनुष्य प्रकृकि के अतिरिक्त कही खुश रह ही नहीं सकता। चाहे वह कुछ भी कर ले लेकिन असली सुख सिरफ प्रकृति के साथ रहने पर ही मिल सकता है है। लेकिन अपनी जिद और महत्वकांशा ने उसे इतना अधिक दम्भी बना दिया है की वह प्रकृति को भी अपनी बपौती मैंने लगा है बस यही से साड़ी गड़बड़ शुरू हो रही है। मनुष्य का यह स्वभाव है की वह घूमने फिरने में जो उसे ख़ुशी है कही और से नहीं मिलती। आज के समय में जहां हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है
वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के
इर्द-गिर्द घूमती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1980 से २७ सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया। इस साल इस दिवस का थीम रखा गया है,‘टूरिज्म एंड वाटर- प्रोटेक्टिंग आवर कॉमन फ्यूचर' एक समय ऐसा आया जब भारत के पर्यटन स्थल खतरे में नजर आने लगे और लगने लगा
कि शायद अब भारत पर्यटक स्थल के नाम पर पर्यटकों की पहली पसंद नहीं रहेगा
भगत सिंह
सितम्बर २७, २०१७ Knowledge Calendar
दोस्तों ! भगत सिंह के बारे में कौन नहीं जानता। अपनी अदम्य साहस के देश भक्तो के दिलो में आजादी की जो मशाल उन्होंने जलाई वह युगो युगो तक आजादी के दीवानो के दिलो में रोशन रहेगी। भगत सिंह का जनम २७/२८ सितम्बर को हुआ था। भगत सिंह को किताबें पढ़ने का इतना शौक था कि एक बार उन्होंने अपने स्कूल के साथी जयदेव कपूर को लिखा था कि वो उनके लिए कार्ल लीबनेख़ की 'मिलिट्रिज़म', लेनिन की 'लेफ़्ट विंग कम्युनिज़म' और अपटन सिनक्लेयर का उपन्यास 'द स्पाई' कुलबीर के ज़रिए भिजवा दें.
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